Posts

Showing posts from September, 2017
Image
दशहरा की शुभकामनाएं। - मनोज कुलकर्णी
Image
यादों के झरोखे से.! रूमानियत भरा था लिखना.. मिज़ाज भी हमारा शायराना! शुक्रग़ुज़ार हूँ हुस्नवालों का.. कि शायर रूमानी बना दिया! - मनोज 'मानस रूमानी'
पैग़ाम! होली मुबाऱक सरहद पार भी दिखायी दी  धर्म-निरपेक्षता की बात वहां भी गूँजी.. शायरी, रफ़ी आवाज़ की चाहत भी सुनी  अब बस प्यार ही फ़ैले दोनों तऱफ ही ! भाईचारा, मोहब्बत की बात भा गयी  इंतज़ार है यह दिलों का मिलन ही..  मिटा दे इस-उस पार की दूरी भी..  अब बस प्यार ही फ़ैले दोनों तऱफ ही ! एक है जड़, ज़ुबान संस्कृति हमारी  दुनियाँ में मिसालें है फिर जुड़ने की.. काश यह ख़्वाब हो जाए हक़ीक़त भी  अब बस प्यार ही फ़ैले दोनों तऱफ ही! - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
मिसाल-ए-मोहब्बत ताज़ दुनियाँ में हमारे पास! मिटाएं जहाँ की नफ़रत सिखाएं सबको प्यार!  - मनोज 'मानस रूमानी'
शबाब! नज़ाक़त से भरी यह चाल, अदाएं  हवा का रुख़ बदलती रेशमी जुल्फ़ें बेशुमार प्यार भरी पंखुड़ियों सी आँखे  दिल-ए-आशिक़ संभल जाए भी कैसे? ग़ुलाबों रंगत लिए लबों की बहारें गाल पर तिल की बचे नज़रों से  ज़ीनत तुम गुलशन-ए-हुस्न से  दिल-ए-आशिक़ संभल जाए भी कैसे? - मनोज 'मानस रूमानी'
मोहब्बत में सब जहाँ प्यारा लगता  नहीं तो कुछ भी ग़वारा नहीं लगता  - मनोज 'मानस रूमानी'
"हो मोहब्बत का गेरुआ पर ना भाये केसरिया! हम तो चाहे हमारा.. तीन रंगों का प्यारा! और याद आ रहा है.. 'रंग दे बसंती चोला'!" - मनोज 'मानस रूमानी'
सलामत रहे! "पढ़ना, लिखना, संगीत, कलाएँ.. अच्छे ख़ूबसूरत ज़िन्दगी के लिए इंसानियत, प्यार फ़ैले जिससे... नहीं छीनना यह किसीसे...!" - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
बहती रहे अमन की हवा ऐसी नसीम सरहदों के पार जहाँ के मिला दे दिल - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
"उर्दू ज़ुबान, शायरी की मिठास  हुस्न-इश्क़ का दिलक़श साज़..  तहज़ीब, अदब की नवाबी शान  देखेंगे लख़नऊ का यह अंदाज़!"  - मनोज 'मानस रूमानी'
"काश आप रहनुमा होते राह भटके ज़िन्दगी के.! हमराह यूँ  हसींन होते.. इश्क़ में भी शरीक़ होते!" - मनोज 'मानस रूमानी'
"रह गया करना इज़हार-ए-मोहब्बत समां भी चला गया..हाय रे क़िस्मत!" - मनोज 'मानस रूमानी'