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Showing posts from December, 2017
वोह हसीन चेहरा और ख़ूबसूरत आँखे अक्सर आते हैं ख़्वाब-ओ-ख़यालों में! - मनोज 'मानस रूमानी'
वोह झाँक लेती है फूलों की खिड़की से...  नज़ारा जो रोशन है उसके नूर-ए-हुस्न से! - मनोज 'मानस रूमानी'
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चाँदनी रात में हसीन ताज़ को देख़कर करेंगे प्यार  क्योंकी चाँद नही..मोहब्बत की निशानी है ताज़..! - मनोज 'मानस रूमानी'